Wednesday, September 17, 2008

.ना गीता से ना पूजा से अदा होती है..ना बाद्साहो की दौलत से अता होती है..रहमते बरसती है सिर्फ उन्ही पर..जिनके उपर बुजुर्गो की दुआ होती है. ***************************************मैंने अपने जीवन मे दो प्रतिज्ञा की है..पहली प्रतिज्ञा की किसी भी पराई लड़की को..बुरी नजर से नहीं देखूंगा..और दूसरी प्रतिज्ञा..किसी भी लड़की को पराई नहीं समझूंगा... ****************************************************राम ने धनुष तोरा तो सीता आई..अर्जुन ने तीर चलाया तो द्रोपदी आई ... कृस्न ने बंसी बजाई तो मीरा आई..पर मैंने सिटी बजाई तो साली बाप को ले आई ...****************************************************आजकल के देवदास की बात ही कुछ अलग है...ना चंद्रमुखी ना पारो ..बस जो लड़की मिले उसी को लाइन मारो.. ****************************************************दिल के जख्म किसी को दिखा ना सकोगे,दिल मे जो है वो किसी को बता ना सकोगे, करोगे जवानी मे गर्लफ्रेंड पर जो खर्चे ,तो बुढापे तक उधारी चूका ना सकोगे..****************************************************मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया.. मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया.. चीनी सारी चीटी खा गयी बोरा ही रह गया ....*** *** ***देश के बेरोजगारों ने प्रधानमंत्री से कहा है की..हमें काम चाहिए हमे काम चाहिए ..हमें काम चाहिए..प्रधानमंत्री ने सबको IODEX दिया.. बोला IODEX मलिए ..काम पे चलिए .......****************************************************खुदा करे की हसिनाओ के बाप मर जाये ..खुदा करे की हसिनाओ के बाप मर जाये ..मौत का बहाना होए और अपुन उनके घर जाये .****************************************************कपरा मंत्री ने कहा है की पिछले वित्तवर्स मे..कपरा उद्योग को घाटा हुआ..मैं बोलता हु क्यों न होगा ..ना मल्लिका पहनती है न बिपासा ...****************************************************अर्ज किया है.....मेरे सामने.. मेरे सामने अच्छो अच्छो ने पानी भरा है ,मेरे सामने अच्छो अच्छो ने पानी भरा है ..क्योंकी सरकारी नल मेरे दरवाजे पर ही गरा है...****************************************************इस जमीन इस आसमान से आगे हूँवक़्त के कारवा से आगे हूँमैं कहाँ हूँ ये खुदा जानेपर कल जहाँ था वहा से आगे हूँ ****************************************************इतनी सकती हमे देना दाता!मन का बिश्वास कमजोर हो ना! हम चले नेक रस्ते पे हमसे!भूल कर भी कोई भूल हो न! ****************************************************खुबसूरत है आँखे तेरी रात को जागना छोर दे...खुद ब खुद नींद आ जायेगी तू मुझे सोचना छोर दे........***********************************************<:> कलयुग की कविता <:>हे कृष्ण तू इस कलयुग में आ कर तो दिखा*तुने 18 साल की उम्र में मामा कंस कों मारा ,बिन लादेन को हाथ लगा कर तो दिखा...*तुने अर्जुन को तो सारी गीता सुनायी ,मेरे प्रोजेक्ट मेनेजर से एक बार बात कर के तो दिखा..*तुने तो अर्जुन का सारथी बनके पांडवों को जिताया... इंडियन क्रिकेट टीम का कोच बन के WorldCup जिताके तो दिखा...*तुने भरी महफिल में द्रौपदी को साड़ी पहनाई मल्लिका शेरावत को एक जोड़ी कपड़े पहना के तो दिखा...*तुने गोकुल की 1600 गोपियाँ पटाई ,मेरी कंपनी की सिर्फ एक लड़की को पता कर तो दिखा...हे कृष्ण तू इस कलयुग में आ कर तो दिखा****************************************अए मेरे हमनसी चल कही और चल..इस चमन मे अब अपना गुजारा नहीं..*बात होती गुलो तक तो सह लेते हम..अब तो काँटों पे भी हक हमारा नहीं... *आज आये हो तुम कल चले जाओगे..ये मोहब्बत को अपने गवारा नहीं...*उम्र भर का सहारा बनो तो बनो ..दो घरी का सहारा सहारा नहीं..*दिल कभी डाल पर और कभी तुल पर..किस जगह हमने तुमको पुकारा नहीं..*ठोकरे यूँ खिलाने से क्या फायदा .. साफ़ कह दो की मिलना गवारा नहीं..*गुलसन को लहू की जरूरत परी..सबसे पहले ही गर्दन हमारी कटी... *फिर भी कह रहे है ये अहले वतन..ये चमन है तुम्हारा हमारा नहीं..*जालिमो अपनी किस्मत पे नाजा ना हों..दौर बदलेगा ये वक़्त की बात है..*वो यकीनन सुनेगा सदाये मेरी ..क्या तुम्हारा खुदा है हमारा नहीं..*उसने जाते हुए हमको देखा नहीं..हमने आवाज़ पर उनको आवाज़ दी..फिर भी कहते है हमने पुकारा नहीं..

Monday, July 9, 2007